पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर 56वीं वाहिनी एसएसबी बथनाहा में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि । - Khabar Tak

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पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर 56वीं वाहिनी एसएसबी बथनाहा में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि ।

56वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल बथनाहा के प्रागण में “पुलिस स्मृति दिवस” के उपलक्ष्य में अधिकारीयों सहित सभी बलकर्मियों ने शहीदों को श्रधांजलि देते हुए उनकी स्मृति में 2 मिनट का मौन धारण किया।  मौके पर उपस्थित 56वीं वाहिनी के कमांडेंट श्री सुरेंद्र विक्रम द्वारा पिछले 01 वर्ष में शहीद हुए केद्रीय पुलिस बलों के 189 जवानों का नाम पढ़कर सुनाया गया । श्री विक्रम द्वारा बताया गया कि पुलिस स्मृति दिवस भारत में हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन उन पुलिसकर्मियों को याद करने के लिए समर्पित है जो देश की सेवा करते हुए शहीद हुए हैं।  इस दिन पुलिस में सेवा करने के दौरान शहीद होने वाले कर्मियों को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।  पुलिस स्मृति दिवस का इतिहास 21 अक्टूबर, 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में सीआरपीएफ की एक टुकड़ी पर चीनी सेना द्वारा घात लगाकर किए गए हमले से शुरू होता है। इस हमले में सीआरपीएफ के 10 जवान शहीद हो गए थे। इनमें से 7 जवान सीआरपीएफ की तीसरी बटालियन के थे, जबकि 3 जवान अन्य राज्य पुलिस बलों के थे। घटना के पूरे तीन सप्ताह बाद, 13 नवंबर, 1959 को चीनियों ने दस कर्मियों के शव लौटाए। शहीद जवानों में से एक करम सिंह थे, जिन्हें इस हमले में नेतृत्व करते हुए शहीद हुए थे। करम सिंह को वीरता के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। आपको बताते चले कि इस घटना के बाद, जनवरी 1960 में आयोजित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि अब से 21 अक्टूबर को “पुलिस स्मृति दिवस” / पुलिस शहीद दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस साल, 21 अक्टूबर, 2023 को पुलिस स्मृति दिवस की 65वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। तथा उन्होंने वीर शहीदों के शहादत को अमूल्य बताते हुए बताया कि उन महान शहीदों के प्रेरणास्वरूप आप सभी अपनी कर्तव्यनिष्ठा, सत्यनिष्ठा एवं ईमानदारी को आत्मसात करते हुए देश की सुरक्षा के प्रति सदा समर्पित रहेंगे। 
कार्यक्रम के दौरान कमांडेंट चिकित्सा डॉ. एच के शिंदे, द्वितीय कमान अधिकारी श्री कस्तूरी लाल, उप कमांडेंट श्री रोमेश याईखोम, सहायक कमांडेंट श्री मनींद्रनाथ सरकार, डॉक्टर मिस लीला एवं 56वीं वाहिनी के समस्त महिला व पुरुष कार्मिक उपस्थित थे।

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