फारबिसगंज : शौचालय तोड़ने के मामले में प्रशासनिक करवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति , लोगो में दिखा आक्रोश । - Khabar Tak

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फारबिसगंज : शौचालय तोड़ने के मामले में प्रशासनिक करवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति , लोगो में दिखा आक्रोश ।

फारबिसगंज: प्रखंड की मटियारी पंचायत स्थित जुम्मन चौक टीवी टावर के नजदीक मुख्य सड़क से सटे वर्षों से बने तीन कमरे का सार्वजनिक सामुदायिक शौचालय को अज्ञात लोगो के द्वारा तोड़ देने के मामले में कई दिन बीत जाने के बावजूद स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति किये जाने की चर्चा आम है। 
घटना का निशान मिटाया:-

ज्ञात हो कि 27 जुलाई की रात्रि में अज्ञात लोगो के द्वारा जुम्मन चौक स्थित शौचालय को तोड़ कर उसे तोड़ने के निशान तक को मिटा दिया गया।   

शौचालय तोड़ने के मामले में प्रशासनिक करवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति:

बता दे कि सड़क के किनारे सरकारी राशि से कई वर्ष पूर्व बनाये गए तीन कमरे का सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल जुम्मन चौक के समीप रहने वाले वैसे लोग करते थे जिनके पास शौचालय नही थे। वर्षों से बने शौचालय की स्थिति बिल्कुल अच्छी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वजह रही कि 27 जुलाई की रात्रि में अज्ञात लोगों के द्वारा उक्त तीन कमरे के सार्वजनिक शौचालय को जमींदोज कर दिया गया।

प्रशासनिक करवाई शून्य:

घटना के बाद अन्य पदाधिकारियों ने पहुंच कर जांच की, लेकिन आज तक कार्रवाई शून्य है। बहरहाल बातें जो भी हो लेकिन लोगों का कहना है कि सार्वजनिक शौचालय को अज्ञात लोगो द्वारा तोड़ दिए जाने के मामले में प्रशासन को आसपास में लगे सीसीटीवी कैमरा को खंगालना चाहिए और इस मामले की बारीकी से जांच कर दोषी को चिह्नित कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
राजस्व कर्मचारी ने थाने में दिया आवेदन:

अज्ञात लोगो के द्वारा शौचालय तोड़े जाने के बाद उक्त पंचायत के राजस्व कर्मचारी ने आदर्श थाना फारबिसगंज में आवेदन दे कर अज्ञात के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है। राजस्व कर्मचारी ने थाना में दिये गये आवेदन में कहा है कि मटियारी पंचायत के जुम्मन चौक मुख्य सड़क के किनारे सरकारी जमीन पर बने सार्वजनिक सामुदायिक शौचालय की 27 जुलाई की रात्रि में अज्ञात के द्वारा तोड़ दिया गया है।
ज्ञात हो कि मटियारी पंचायत में भू-माफियाओं का दबाव बढ़ता जा रहा है। इससे पूर्व में भी ब्लॉक के पास एक स्कूल को भू-माफियाओं के द्वारा ध्वस्त कर दिया था। अगर उसी वक़्त प्रशासन के द्वारा सख्त करवाई की जाती तो आज इस शौचालय को शायद ध्वस्त नही किया जाता।

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